विक्रम ~
विक्रम: सिर्फ एक एक्शन फिल्म नहीं, एक सिनेमाई अनुभव
कमल हासन अभिनीत और लोकेश कनगराज निर्देशित फिल्म विक्रम (2022) भारतीय सिनेमा के लिए एक महत्वपूर्ण पड़ाव साबित हुई है। यह सिर्फ एक मसाला एक्शन फिल्म नहीं है, बल्कि एक गहरी, परतदार कहानी है जो अपने दर्शकों को बांधे रखती है। यह फिल्म लोकेश सिनेमैटिक यूनिवर्स (LCU) का हिस्सा है, जिसने इसे और भी खास बना दिया है।
कहानी और पटकथा: बुनी हुई जटिलता
फिल्म की कहानी एक पिता (कमल हासन) के अपने बेटे की मौत का बदला लेने के इर्द-गिर्द घूमती है, जो कि ड्रग्स से संबंधित गिरोहों द्वारा मारा गया है। लेकिन यह कहानी इतनी सीधी नहीं है। इसमें कई मोड़ हैं, कई रहस्य हैं और कई ऐसे पात्र हैं जो आपको सोचने पर मजबूर करते हैं। लोकेश कनगराज ने जिस तरह से कहानी को बुना है, वह काबिले तारीफ है। हर किरदार का अपना मकसद है, अपनी पृष्ठभूमि है, जो कहानी को और भी समृद्ध बनाती है।
फिल्म की शुरुआत ही आपको एक ऐसे रहस्य में खींच लेती है जहां कुछ लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी जाती है। इन हत्याओं की जांच एसीपी अमर (फहद फासिल) को सौंपी जाती है, जो धीरे-धीरे एक बड़े ड्रग रैकेट और इसके पीछे छिपे मास्टरमाइंड के करीब पहुंचता है। इसी बीच, फिल्म में एक सेवानिवृत्त एजेंट, विक्रम (कमल हासन) की एंट्री होती है, जिसका अपने अतीत और वर्तमान के बीच एक गहरा संबंध है।
अभिनय: सितारों का संगम
विक्रम की सबसे बड़ी ताकत इसकी दमदार कास्ट है। कमल हासन ने विक्रम के रूप में एक बार फिर अपनी अभिनय क्षमता का लोहा मनवाया है। उनकी आंखें, उनका बॉडी लैंग्वेज, हर चीज एक रहस्य और दर्द को बयां करती है। विक्रम के रूप में वह न केवल एक्शन में दमदार दिखते हैं, बल्कि भावनात्मक दृश्यों में भी दिल जीत लेते हैं।
फहद फासिल ने एसीपी अमर के रूप में शानदार काम किया है। उनकी रहस्यमयी और दृढ़ प्रतिज्ञ भूमिका दर्शकों को उनकी ओर खींचती है। विजय सेतुपति ने संथानम नामक खलनायक की भूमिका में जान डाल दी है। उनका किरदार क्रूर, लेकिन कभी-कभी विनोदी भी है, जो उन्हें यादगार बनाता है। इन तीनों दिग्गजों के बीच की केमिस्ट्री फिल्म को अगले स्तर पर ले जाती है। सूर्या का कैमियो भी फिल्म के लिए एक बड़ा सरप्राइज था, जिसने LCU के विस्तार की ओर इशारा किया।
निर्देशन और तकनीकी पक्ष: एक सिनेमाई दावत
लोकेश कनगराज का निर्देशन फिल्म को एक अलग ही स्तर पर ले जाता है। उन्होंने जिस तरह से एक्शन दृश्यों को कोरियोग्राफ किया है, वह बेहद प्रभावशाली है। फिल्म में कोई भी एक्शन सीन अनावश्यक नहीं लगता, हर एक्शन सीन कहानी को आगे बढ़ाता है। सिनेमैटोग्राफी, गिरिष गंगाधरन द्वारा, बेहतरीन है। डार्क टोन और हाई-ऑक्टेन एक्शन सीक्वेंस के दौरान कैमरा वर्क फिल्म को एक रोमांचक अनुभव देता है।
अनिरुद्ध रविचंदर का संगीत फिल्म की जान है। बैकग्राउंड स्कोर हर सीन में जान डाल देता है, चाहे वह एक्शन हो या भावनात्मक। "पठाला पठाला" जैसा गाना पहले से ही चार्टबस्टर बन चुका है। एडिटिंग भी बहुत चुस्त है, जो फिल्म की गति को बनाए रखती है और दर्शकों को बांधे रखती है।
विक्रम और LCU: एक नया आयाम
विक्रम सिर्फ एक स्टैंडअलोन फिल्म नहीं है। यह लोकेश सिनेमैटिक यूनिवर्स (LCU) का दूसरा अध्याय है, जिसकी शुरुआत कैथी (2019) से हुई थी। फिल्म में कई ऐसे संदर्भ और पात्र हैं जो कैथी से जुड़े हैं, और यह भविष्य में और भी फिल्मों के लिए रास्ता खोलती है। यह भारतीय सिनेमा में एक नई प्रवृत्ति की शुरुआत है, जहां एक ही यूनिवर्स में कई कहानियां आपस में जुड़ी हुई हैं। यह मार्वल सिनेमैटिक यूनिवर्स (MCU) की तर्ज पर है, लेकिन भारतीय परिवेश में.
संदेश और प्रभाव
फिल्म ड्रग्स के खतरनाक जाल और उसके सामाजिक प्रभावों पर भी प्रकाश डालती है। यह दिखाती है कि कैसे ड्रग्स युवा पीढ़ी को बर्बाद कर रहा है और कैसे इसके खिलाफ लड़ना कितना महत्वपूर्ण है।
संक्षेप में, विक्रम सिर्फ एक मनोरंजक फिल्म नहीं है, बल्कि एक गहरी और विचारोत्तेजक कृति है। यह उन फिल्मों में से है जिसे आप बार-बार देखना चाहेंगे, हर बार कुछ नया खोजने के लिए। यह कमल हासन, लोकेश कनगराज और पूरी टीम की जीत है, जिन्होंने भारतीय सिनेमा को एक नया आयाम दिया है।
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